अदाणी ग्रीन एनर्जी के मौजूदा CEO अमित सिंह 31 मार्च को अपना पद छोड़ देंगे. पद छोड़ने के बाद अमित सिंह इंटरनेशनल एनर्जी बिजनेस के CEO के तौर पर नियुक्त होंगे.
India Foreign Debt: रिपोर्ट में कहा गया है, 'सितंबर, 2024 की स्थिति के अनुसार भारत के विदेशी कर्ज में 53.4% के साथ अमेरिकी डॉलर में कर्ज की हिस्सेदारी सबसे अधिक रही. इसके बाद भारतीय रुपया (31.2%), जापानी येन (6.6%), SDR (5%) और यूरो (3%) का स्थान रहा.'
Sectors to watch in 2025: जेपी मॉर्गन इंडिया रिसर्च के प्रमुख संजय मुखीम ने कहा कि 2025 में बिजली की मांग बढ़ने के साथ पावर सेक्टर में उछाल देखने को मिलेगा. अप्रैल, मई और जून के गर्मी के महीनों में मौसमी मांग बढ़ने के कारण बिजली की कीमतें और खपत बढ़ने की उम्मीद है.
शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी जौमेटो, देश की बड़ी कंपनियों के सूचकांक सेंसेक्स में इस साल अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है. फूड डिलीवरी कंपनी ने बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) बेंचमार्क में 142 साल पुरानी स्टील कंपनी जेएसडब्लू स्टील को रिप्लेस किया है.
Share Market Updates 31 December: सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, जोमैटो, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट रही.
Adani Group Stocks: ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा सिक्योरिटीज ने अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज को 'Buy' रेटिंग दी है. वेंचुरा ने इसके लिए ₹3,801 प्रति शेयर का टारगेट प्राइस तय किया है, जो मौजूदा भाव से 57.8% की बढ़त को दर्शाता है.
आयकर विभाग ने पिछले पखवाड़े में धारा 133 (6) के तहत नोटिस जारी किए. इसमें उन लेनदेन की प्रकृति पर सवाल उठाया गया है, जिनमें विदेशी पैरेंट कंपनियों को पैसा "टेक्निकल सेवाओं" या FTS के लिए फीस के तौर पर भेजा गया.
‘दलाल स्ट्रीट’ के लिए 2024 का साल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. साल के दौरान जहां भारतीय शेयर बाजारों ने कई बार रिकॉर्ड बनाया, वहीं दूसरी ओर उसे बीच-बीच बड़े नुकसान का भी सामना करना पड़ा. हालांकि, इसके बावजूद घरेलू कोषों के प्रवाह तथा मजबूत वृहद परिदृश्य की वजह से स्थानीय शेयरों ने साल के दौरान निवेशकों को सकारात्मक प्रतिफल (Return) दिया है.
Stock Market On 30 Dec 2024: आज के शेयर बाजार में टॉप गेनर्स में अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स, भारती एयरटेल, आईटीसी, और नेस्ले इंडिया शामिल रहे. वहीं, टॉप लूजर्स में बीपीसीएल, ओएनजीसी, हिंडाल्को, और जेएसडब्ल्यू स्टील का नाम रहा.
Israel Gaza Ceasefire : इजरायल-गाजा सीजफायर का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है. बात भी हो रही है, लेकिन अब तक बेनतीजा रही है. अब एक बार फिर उम्मीदें बढ़ी हैं...पढ़ें क्या है स्थिति...
West Bengal Rape and Murder Case : पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी मामले में विरोध प्रदर्शनों के बीच कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शनों पर ही रोक लगा दी है...जानें क्या है आदेश में..
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने हिंदू हमलों पर हो रहे हमलों की जानकारी के लिए एक हॉटलाइन भी बनाई है. सरकार ने हिंदू समुदाय के लोगों से आग्रह किया है कि वह ऐसे किसी भी हमलों की जानकारी प्रशासन और सरकार को जरूर दें.
हाल ही में ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी थी. ईरान ने इस हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, लेकिन उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया कि 25 जुलाई को दिए गए उसके फैसले में राज्यों को खनिज अधिकारों पर टैक्स लगाने के अधिकार को बरकरार रखा गया था, जिसे केवल आगे के प्रभाव से ही लागू किया जाना चाहिए.
Stock Market Today 12 August 2024: शुरुआती झटके से रिकवरी करते हुए सेंसेक्स 350 अंकों की तेजी के साथ एक बार फिर 80,000 के लेवल को पार कर गया. जबकि निफ्टी भी 24,400 के पार कारोबार कर रहा है.
जेलेंस्की का यह बयान रूस के कुर्स्क ओब्लास्ट में यूक्रेन की सीमा पार घुसपैठ की पहली सार्वजनिक स्वीकृति को दर्शाता है, जो कथित रूप से 6 अगस्त से शुरू हुई थी. यूक्रेनी सेना की घुसपैठ ने रूस को चौंका दिया है.
कोलकाता महिला डॉक्टर रेप-मर्डर केस में अपराध स्थल पर पुलिस को एक ब्लूटूथ हेडफोन मिला था. इस हेडफोन की वजह से पुलिस आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही. दरअसल ब्लूटूथ हेडफोन आरोपी का था. यह इस मामले में उसके खिलाफ मुख्य सबूत बन गया.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण (Reservation) के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया. लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर (Creamy Layer) से किनारा कर लिया है. आखिर क्या कारण है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को स्वीकार करने में डर रही है? जबकि सैद्धांतिक रूप से सुप्रीम कोर्ट का सुझाव पूरी तरह व्यवहारिक है और इसमें किसी भी तरह का पूर्वाग्रह भी नहीं है.