अदालत ने कहा कि इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि संजय को दो अन्य पुलिस कर्मियों के साथ ड्यूटी करने का निर्देश दिया गया था. उसने कहा, ‘‘इस तरह, अभियोजन पक्ष के साक्ष्य में एक और अंतर है जो विरोधाभासी तस्वीर पेश करता है. यह अंतर उपरोक्त तीनों प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा किए गए दावों की विश्वसनीयता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.’’