रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत में पता चला कि कुछ वनकर्मी गुप्त रूप से नालों (सूखी जलधाराओं) में कैमरा ट्रैप लगा देते थे. इस जगह से ही महिलाएं वन क्षेत्रों में प्रवेश करती थी. 2017 में, एक महिला की शौच करते हुए तस्वीर अनजाने में ऐसे ही एक कैमरा ट्रैप में कैद हो गई थी.