JP मॉर्गन ने इन बॉन्ड्स को लेकर विश्वास जताते हुए कहा कि ये अदाणी ग्रीन की अन्य यूनिट्स से अलग 'रिंग-फेंस्ड स्ट्रक्चर' में हैं. साथ ही, इनमें टोटल एनर्जीज की 50% हिस्सेदारी भी है. इसके अलावा, लंबी अवधि की मैच्योरिटी (टेन्योर) के कारण ये इंडियन रिन्यूएबल सेक्टर के लिए सही स्ट्रक्चर माना जा सकता है.