
Bilawal Bhutto Threatens Shehbaj Sharif: बिलावल पाकिस्तान की शहबाज सरकार को गिरा भी सकते हैं.
इस्लामाबाद:
Bilawal Bhutto Threatens Shehbaj Sharif: सिंधु नदी नहर परियोजना पाकिस्तान की संघीय सरकार की 'गले की फांस' बन गई है. सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने धमकी दी है कि अगर इस प्रोजेक्ट को स्थगित नहीं किया गया तो वह सरकार से बाहर हो जाएगी. हैदराबाद में शुक्रवार देर रात हटरी बाईपास मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शहबाज सरकार को यह चेतावनी दी.
बिलावल ने कहा कि कि अगर पीपीपी की आपत्तियों को स्वीकार करने के बाद भी संघीय सरकार विवादास्पद परियोजना को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी आगे साथ नहीं चल पाएगी. पीपीपी प्रमुख ने कहा कि वे (संघीय सरकार) न तो अपने गठबंधन सहयोगी की बात सुन रहे हैं और न ही नई नहरें बनाने के फैसले को वापस ले रहे हैं.
बिलावल क्यों शहबाज के खिलाफ
बिलावल ने कहा,'मुझे लगा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ,ऐसी प्रतिक्रिया देखने के बाद इस परियोजना से दूर रहेंगे क्योंकि उन्हें पता है कि पीपीपी के समर्थन के बिना वे न तो असेंबली सेशन चला सकते हैं और न ही बजट पारित कर सकते. हालांकि ऐसा लगता है कि वह इस परियोजना को बंद करने के लिए तैयार नहीं हैं. अगर ऐसा है,तो हम भी हार मानने को तैयार नहीं हैं." गठबंधन सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि उनकी परियोजनाएं लगातार कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रही हैं. बिलावल भुट्टो ने कहा,"पार्टी समर्थित हर पहल किसान विरोधी है."
सिंधु नदी नहर परियोजना क्या है
पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है,जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा. हालांकि,सिंध प्रांत ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. सिंध सरकार को आशंका है कि इन नहरों के निर्माण से सिंधु नदी से उसके हिस्से का पानी कम हो जाएगा. इस परियोजना के खिलाफ सिंध में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं,राजनीतिक दलों,नागरिक संगठनों,व्यापार संघों और साहित्यिक संस्थानों के सदस्य सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि 'पानी को बहने दो' और इस परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए. उन्होंने इसे सिंध के अधिकारों का उल्लंघन और जनता-विरोधी नीति करार दिया.
डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।