बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तोड़फोड़ और आगजनी देखने को मिली है.
कोलकाता:
वक्फ संशोधन को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हिंसा की एक नई घटना ने बंगाल को हिलाकर रख दिया है. मुर्शिदाबाद के बाद इस बार हिंसा की घटना दक्षिण 24 परगना जिले में देखने को मिली. जहां पर एक संगठन के समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. संगठन के समर्थकों ने इलाके में जमकर तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. हिंसा की घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
घटनास्थल से सामने आए वीडियो में हिंसा का यह मंजर देखा जा सकता है. वीडियो में कुछ लोगों को पुलिस की मोटरसाइकिलों को आग लगाते और एक पुलिस बस को पलटते देखा जा सकता है. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी नजर आते हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार,रैली करने वालों को भोजरहाट के पास रोका गया,जहां भांगर के साथ-साथ पड़ोसी इलाकों जैसे मीनाखान और संदेशखाली से बड़ी संख्या में आईएसएफ के कार्यकर्ता एकत्र हुए थे. भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया और तनाव बढ़ गया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी और प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर हमला किया गया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान कम से कम एक आईएसएफ कार्यकर्ता के सिर में चोट लग गई. इससे हालात और बिगड़ गए और आईएसएफ कार्यकर्ता हाईवे पर धरना देने लगे,जिससे हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया. साथ ही आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. बाद में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया.
इस बीच आईएसएफ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे की ओर इशारा किया कि उनकी सरकार नए वक्फ कानूनों को लागू नहीं करेगी और पूछा कि फिर उसका विरोध क्यों रोक दिया गया.
मुर्शिदाबाद हिंसा का उल्लेख आज सुप्रीम कोर्ट में किया गया. एक याचिकाकर्ता ने हिंसक झड़पों की केंद्रीय एजेंसी द्वारा न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की है.
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मुसलमानों और विपक्ष द्वारा उठाई गई कई चिंताओं को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने संसद में विधेयक पेश करते समय खारिज कर दिया था और जोर देकर कहा था कि गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते,क्योंकि इसका प्रबंधन,निर्माण और लाभार्थी मुस्लिम समुदाय से ही रहेंगे.