नई दिल्ली:
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी बनाने और अन्य मांगों को लेकर पंजाब के किसान हरियाणा-पंजाब की सीमा पर पिछले एक साल से धरना दे रहे थे. पंजाब पुलिस ने बुधवार रात शंभू और खनौरी सीमा पर स्थित धरना स्थलों से हटा दिया. पुलिस ने किसानों के अस्थायी निर्माण पर बुलडोजर चलाया. करीब 200 किसानों को हिरासत में लिया गया. पुलिस की कार्रवाई के समय किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल से बात करने चंडीगढ़ गया हुआ था. पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई की विपक्षी दलों ने निंदा की है. विपक्षी दलों ने इसे कायरतापूर्ण कार्रवाई बताया है.
पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में पंजाब से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा,अमरिंदर सिंह राजा वारिंग,गुरजीत औजला और धर्मवीर गांधी ने संसद के मकर द्वार के बाहर प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसदों ने पंजाब की आप सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.कांग्रेस सांसदों ने आप और बीजेपी को किसान विरोधी बताते हुए हिरासत में लिए गए किसान नेताओं की जल्द रिहाई की मांग की.
क्या कहना है विपक्षी नेताओं का
कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ है कि नेताओं को मीटिंग के नाम पर बुलाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए.उन्होंने कहा कि यह पंजाब की परंपरा भी नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पूरे किसान समाज के पीठ में छूरा घोंपा है. उन्होंने कहा कि पंजाबी इसे कभी भूलेंगे नहीं और इस शर्मनाक कार्रवाई के लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे.
केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर वापस लौट रहे किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने आरोप लगाया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार किसानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत को पटरी से उतारने की कोशिश की है. बिट्टू ने एक बयान में कहा है कि किसान नेताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई की खबर सुनकर वो हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों से बातचीत को पटरी से उतारना चाहती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को धोखा दिया है. बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले तीन दिन से पंजाब में रुके आप नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों के खिलाफ षड्यंत्र किया है.
पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर किसानों के धरनास्थल पर तोड़फोड़ करती मशीनें.
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने भी किसानों पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है. दोनों नेताओं ने किसान नेताओं की रिहाई की अपील की है.
पंजाब हरियाणा के शंभू सीमा पर पुलिस कार्रवाई के बाद बिखरा किसान नेताओं का सामान.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए थे.
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