पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए हैं.
नई दिल्ली:
14 फरवरी,साल 2019... येदिन भारत इतिहास में एकदुखद घटना के साथ दर्ज है. इस दिन ही पुलवामा जिले में विस्फोटकों से लदे वाहन ने सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी. इस आतंकी हमले में40 जवान शहीद हो गए थे. जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए थे. बेशक इस हमले को 6 साल बीत गए हो,लेकिन इसके जख्म अभी भी ताजा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पुलवामा हमले की छठी बरसी पर वीर जवानों की शहादत को याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि शहीदों के राष्ट्र के प्रति समर्पण को कभी भी भूला नहीं जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया साइट एक्स पर व्यक्त किया. इसमें उन्होंने लिखा," 2019 में पुलवामा में हमने जिन साहसी नायकों को खो दिया,उन्हें श्रद्धांजलि. आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट समर्पण को कभी नहीं भूलेंगी."
Homage to the courageous heroes we lost in Pulwama in 2019. The coming generations will never forget their sacrifice and their unwavering dedication to the nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 14,2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा कि आज ही के दिन 2019 में भारत ने पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के वीर जवानों को खो दिया था. देश के लिए उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवारों के प्रति अपना समर्थन प्रकट करता हूं. भारत जवानों की वीरता का सम्मान करने के लिए एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ हैं.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा हमले के शहीदों को नमन करते हुए लिखा," साल 2019 में आज के ही दिन पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. आतंकवाद समूची मानव जाति का सबसे बड़ा दुश्मन है और इसके खिलाफ पूरी दुनिया संगठित हो चुकी है. चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक,मोदी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति से अभियान चलाकर उनके समूल नाश के लिए संकल्पित है."
इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी. जांच में सामने आया था किसीआरपीएफ के बस को निशाना बनाने का आइडिया काकापोरा के एक दुकानदार का था.NIA ने इस हमले की जांच की औरकुल 13500 पेज की चार्जशीट फाइल की थी. जिसमें कुल 19 आरोपियों के नाम थे. आरोपियों में 22 साल का शाकिर जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर लेथपोरा पुल के नजदीक फर्नीचर की दुकान चलाता था. NIA ने शाकिर को जांच के बाद गिरफ्तार कर लिया था.
शाकिर ने दिया थासीआरपीएफ की बस को निशाना बनाने का आइडिया
जगह तय होने के बादशाकिर के घर पर आईईडी भेजे गए थे.
विस्फोटक लदी कारशाकिर हाईवे तक ड्राइव कर ले गया था.
शाकिर ने मोहम्मद उमर और उसके सहयोगियों को अपने घर पर कई बार ठहराया था.
NIA की चार्जशीट में कहा गया था,जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर को सुरक्षा बलों पर हमले की जिम्मेदारी दी गई थी. उसने एक कार धमाका की योजना बनाई थी. लेकिन ये हमला कहां और कैसे किए जाए इसका सुझाव शाकिर ने दिया था.शाकिर की दुकान हाईवे के किनारे पर ही थी और उसकी नजर हाइवे पर सुरक्षाबलों की आवाजाही पर थी. चार्जशीट के मुताबिक,शाकिर ने हाईवे के एक मोड़ और ढलान को हमले के लिए चुना था.
आतंकवादियों के सुरक्षाकर्मियों पर किए गए इस कायराना हमले का बदला भारत सरकार ने सर्टिजिकल स्ट्राइक करके लिया था. 26 फरवरी को अचानक से एक खबर आई कि रात 3 बजे भारतीय वायुसेना ने एक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में 100 किलोमीटर घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर हमला किया है. एयरफोर्स के 12 मिराज फाइटर प्लेन नेबालाकोट में जैश के कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया था.
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