आठवें वेतन आयोग के गठन का केंद्र सरकार का फैसला करीब एक करोड़ सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज लेकर आया है. आयोग बनेगा. सिफारिशें आएंगी. अगर भत्ते-वत्तों पर आयोग की नजर पहले की तरह मेहरबान रही,तो सरकारी नौकरी वालों की मौजां ही मौजां समझिए. दरअसल सरकारी नौकरी में सैलरी से ज्यादा मजा भत्तों का माना जाता रहा है. सवाल यह है कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी इसमें क्या गुड न्यूज छिपी है? क्या प्राइवेट वाली सैलरी के मामले में सरकारी वालों से पहले से मौज काट रहे हैं? इसे हम नीचे बताएंगे. लेकिन यह तय है कि आठवें वेतन आयोग से सैलरी केंद्रीय कर्मचारियों की जरूर बढ़ेगी,लेकिन इसका असर मार्केट पर दिखेगा. सवाल यह भी रहेगा कि वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद प्राइवेट सेक्टर के लिए टैलंट को खींचना कितना महंगा हो जाएगा. जाहिर तौर पर सिफारिशों का बाकी सेक्टरों में कर्मचारियों की सैलरी पर भी दिखेगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सरकार के इस फैसले की जानकारी देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि एक बार आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो जाएंगी,तो देश के सभी संगठनों पर इसका असर दिखेगा. सभी संगठन इसको फॉलो करते रहे हैं.
बुक अलाउंसः भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों को साल में एक बार यह अलाउंस मिलता है. इसमें किताबें और स्टडी मटीरियल खरीदने के लिए 15 हजार रुपये मिलते हैं.ब्रीफकेस अलाउंसः केंद्रीय सचिव रैंक के अधिकारियों को भत्ते का यह अनूठा तोहफा मिलता है. ब्रीफकेस,पर्स,सरकारी बैग खरीदने के लिए वे 10 हजार रुपये तक रिंबर्स करवा सकते हैं.सीक्रेट अलाउंसः कैबिनेट सचिवालय के अफसरों को गुप्त कागजातों और संवेदनशील ड्यूटी को अंजाम देने के लिए हर महीने वेतन में यह भत्ता मिलता है.
अब जरा जॉब में हिडन बेनिफिट्स यानी की छिपे हुए फायदों को भी समझिए. इसकी तुलना अगर आप करेंगे तो सरकारी नौकरी से प्यारी कुछ लगेगी नहीं. नीचे सरकारी और प्राइवेट नौकरी के कुछ फायदे नुकसान को जरा समझिए
सुविधाएंसरकारी कर्मचारीप्राइवेट कर्मचारीजॉब सिक्यॉरिटीहैनहीं हैमहंगाई के हिसाब से सैलरी बढ़ोतरीहोती हैनहीं होतीसालाना इंक्रिमेटपक्का हैतय नहीं हैभत्तेकरीब 196 तरह के भत्ते हैंसीमित हैंअनलिमिटेड मेडिकल सुविधाहैनहीं हैरिटायरमेंट के बाद पेंशन,मेडिकलहैनहीं हैटारगेट्सउतना प्रेशर नहींटारगेट पर जॉब चलती है