नवीनतम

अनुकूल लिंक

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाई

2024-11-15     HaiPress

नई दिल्ली:

सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व बहुत ही ज्यादा है. इस दिन कार्तिक मास का अंतिम का अंतिम स्नान होता है,इसी दिन देव दिवाली मनाई जाती है,सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक सिंह की जयंती मनाई जाती है,इस दिन पवित्र गंगा में स्नान-दान एवं भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की संयुक्त पूजा का भी विधान है.कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी में गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई इस पावन मौके पर श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया.

देखें वीडियो


#WATCH | UP: A large crowd of devotees witnessed in Varanasi to take holy dip in Ganga River,on the occasion of Kartik Purnima pic.twitter.com/deI3oetXCN

— ANI (@ANI) November 15,2024

वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे श्रद्धालु भारी भीड़ में गंगा स्नान कर रहे हैं. सनातन धर्म के अनुसार यह दिन बेहद पवित्र और खास होता है. ऐसा माना जाता है कि इससे चित्त और मन प्रसन्न होता है,साथ ही साथ पवित्रता बनी रहती है.

हिंदू धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व होता है. दीपावली के बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर देव दिवाली मनाई जाती है. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) ने देवताओं को त्रिपुरासुर नाम के राक्षस के आतंक से मुक्ति दिलाई थी जिसकी खुशी में बैकुंठ लोक में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं. इसीलिए हर साल इस पर्व को देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है. इस साल देव दिवाली 15 नवंबर,शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. भारत में भगवान शिव की नगरी काशी,हरिद्वार,प्रयागराज में धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है और इस दिन दीपदान (Deepdan) करने का भी खास महत्व होता है. यहां जानिए आप घर में कहां-कहां दीप जलाकर देव दीपावली मना सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।
शीर्ष पर वापस जाएँ
© कॉपीराइट 2009-2020 नमस्ते भारत      हमसे संपर्क करें   SiteMap