द्विराष्ट्र के सिद्धांत को बघारने वाले पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर नजर नहीं आ रहे हैं. (फाइल)
नई दिल्ली :
पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों और उनके आकाओं को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दे दिया है. पहलगाम हमले में 26 निर्दोष भारतीयों की आतंकवादियों ने हत्या के बाद से पूरा देश उबल भी रहा था और शोक में भी था. हालांकि पाकिस्तान के बड़े-बड़े नेता तब डींगें हांकने में व्यस्त थे,लेकिन पंद्रह दिन बाद 25 मिनट में 24 मिसाइल हमलों ने 9 आतंकी ठिकानों को मटियामेट कर दिया. इसके बाद से पाकिस्तान की घिग्घी बंध गई है. पाकिस्तान के आर्मी चीफ और आतंकवादियों के मुख्य संरक्षक आसिम मुनीर का 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से कोई अता पता ही नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना अपने आतंकी ठिकानों के मलबे बटोरने में लगी है. उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं और जुबां बहुत हद तक सच्चाई बयां कर रही है. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में आज नजारा बर्बादी वाला रहा. वहां पर सन्नाटा छाया था,वही सन्नाटा बुधवार को पूरे पाकिस्तान का भाग्य बना हुआ था.
मुनीर ने कहा था कि कश्मीर पर हमारा रुख,सरकार का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है. यह हमारे गले की नस थी,यह हमारे गले की नस है. हम इसे नहीं भूलेंगे और हम अपने कश्मीरी साथियों को उनके संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे.
पाकिस्तान की सेना का हाल ये है कि वो तेल साबून बेचती है. ईरान से आने वाले अवैध डीजल पेट्रोल बेचती है,वो केक पेस्ट्री बेचती है,प्रॉपर्टी डीलिंग करती है. बैंक चलाती है,मॉल चलाती है. यहां तक की आतंकियों का खर्चा भी पाकिस्तान की सेना ही उठाती है. बस अपने देश की हिफाजत नहीं कर पाती है क्योंकि भ्रष्टाचार और बेईमानी में सिर से पैर तक डूबी हुई है और ऐसे ही उनके सेना प्रमुख हैं,जो अपनी जान बचाते घूम रहे हैं.