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पाकिस्तान के लिए गोली दूर, पोलियो ही बना ‘काल’, 18 जिलों के सीवेज में मिले वायरस- राजधानी तक प्रकोप

2025-05-06     HaiPress

पोलियो से जूझ रहा पाकिस्तान

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान पर भारत का दबाव (India Pakistan Tension) तेज है. उसे हर पल यह डर सता रहा है कि कहीं भारत उसपर सैन्य कार्रवाई न कर दे. इसी डर के बीच वो कभी न्यूक्लियर हथियारों की गीदड़-भभकी दे रहा है तो कभी मिसाइल का टेस्ट लॉन्च कर रहा है. लेकिन इन सब दिखावे से दूर सच्चाई यह है कि पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जो गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. लोगों के पास जीवन जीने के लिए बेसिक सुविधाओं तक का अभाव है. वहां की खास्ताहाल स्थिति का एक और सबूत सामने आया है. जहां भारत में आखिरी बार पोलियो वायरस 2011 में मिला था और भारत 2014 में पोलियो-फ्री घोषित हो गया था,वहीं पाकिस्तान आज भी उससे जूझ रहा है. ARY न्यूज के अनुसार,पूरे पाकिस्तान में 18 जिलों से जमा किए गए सीवेज के पानी के सैंपल में पोलियो वायरस पाया गया है.

ARY न्यूज के अनुसार,पोलियो के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र (NEOC) ने 7 से 17 अप्रैल के बीच सैंपल जमा किए थे,जिसमें कई स्थानों से सीवेज सैंपल्स में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) की उपस्थिति का पता चला.

NEOC ने पुष्टि की कि चार प्रांतों के सीवेज सैंपल में कंटैमिनेशन (संदूषक) के लक्षण दिखे हैं. बताया गया कि बलूचिस्तान के तीन जिलों,सिंध के छह,खैबर पख्तूनख्वा के छह और पंजाब के दो जिलों से पोलियो के पॉजिटिव सैंपल मिले हैं. यह भी बताया गया कि पोलियो वायरस राजधानी इस्लामाबाद के संघीय क्षेत्र के सीवेज सैंपल में भी पाया गया था.NEOC के अनुसार,अकेले 2025 में देश में पोलियो वायरस के आठ मामले सामने आए हैं. ARY न्यूज ने बताया कि पिछले साल पाकिस्तान में पोलियो के कुल 74 मामले सामने आए थे.

पोलियो क्यों है खतरनाक

पोलियो एक अपंग करने वाली बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है. बच्चों को इस बीमारी के खिलाफ हाई इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा) देने करने के लिए ओरल पोलियो वैक्सीन की कई डोज और पांच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए नियमित वैक्सिनेशन प्रोग्राम को पूरा करना आवश्यक है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार,पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के कारण होती है. वायरस व्यक्ति-से-व्यक्ति में फैलता है. पोलियो के कारण पैरालिसिस और यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है,जिसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. हालांकि,वैक्सिनेशन बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है.

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