गाजा पट्टी में जंग खत्म होता नजर नहीं आ रहा
इजरायल ने अब गाजा पट्टी पर कब्जा करने की तैयारी कर ली है. इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार,5 मई को कहा कि इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा में आक्रामकता बढ़ाने की योजना को मंजूरी दे दी है,जिसमें गाजा पट्टी पर कब्जा और पहले से कब्जे वाले क्षेत्रों पर नियंत्रण जारी रखना शामिल है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मंत्रियों ने "सर्वसम्मति से" ऑपरेशनल प्लान को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से कुछ घंटे पहले ही इजरायल के सैन्य प्रमुख ईयाल जमीर ने घोषणा की थी कि हमास पर आक्रामक को तेज करने के लिए इस सप्ताह रिजर्व में बैठे सैनिकों के लिए "हजारों" कॉल-अप ऑर्डर जारी किए जाएंगे. यानी उनको जंग में बुलाया जाएगा.
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,इजरायल ने मानवीय सहायता पर लगाई गई रोक का बचाव करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य हमास को सप्लाई पर नियंत्रण करने से रोकना और समूह पर इजरायल की शर्तों पर डील को स्वीकार करने के लिए दबाव डालना है. हालांकि,फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी ने रविवार को चेतावनी दी कि इस नाकाबंदी ने गाजा में विनाशकारी स्तर का मानवीय संकट पैदा कर दिया है,उसने स्थिति को "कल्पना से परे" बताया.एक बैठक के दौरान,प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि नई योजना इजरायल की रणनीति में बदलाव का प्रतीक है. उनके बयान के अनुसार अब गाजा में सामरिक छापे मारने की जगह कब्जे और क्षेत्र पर निरंतर नियंत्रण की ओर बढ़ा जा रहा.
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि अगर गाजा के लोगों अपनी इच्छा से इलाका छोड़ कर जाना चाहेंगे तो उसकी सुविधा के लिए एक योजना को बढ़ावा देना जारी रखेंगे और शरणार्थियों को अपने यहां रखने के लिए कई देशों के साथ बातचीत चल रही है.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इजरायल की नई योजना में शामिल होगा- "गाजा पर कब्जा करना और क्षेत्रों पर कब्जा करना,गाजा की आबादी को उनकी सुरक्षा के लिए दक्षिण की ओर ले जाना,हमास को मानवीय सहायता बांटने की क्षमता से वंचित करना और हमास पर शक्तिशाली हमले शुरू करना - ऐसे उपाय जो उसकी हार में योगदान देंगे."
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इजरायली मीडिया ने बताया कि पहले चरण में गाजा के अतिरिक्त क्षेत्रों पर कब्जा करना और बॉर्डर के साथ लगने वाले इजरायल के बनाए "बफर जोन" का विस्तार शामिल होगा. इसका उद्देश्य नई सीजफायर डील और बंधकों की रिहाई की डील में हमास के साथ बातचीत करते समय इजरायल को अतिरिक्त लाभ देना होगा.
गाजा पट्टी के एक कैंप में चैरिटी रसोई में खाना लेते फिलिस्तीनी बच्चे
गाजा के निवासियों ने एएफपी को बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इजरायल के इस नए हमले की योजना से छोटे तटीय क्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव आएगा क्योंकि वो पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति में रह रहे हैं.
39 साल के अवनी अवाद ने एएफपी को बताया,"इजरायल ने तो एक दिन भी युद्ध,हत्या,बमबारी,विनाश,घेराबंदी और भुखमरी को नहीं रोका है- तो अब वे सैन्य अभियानों के विस्तार के बारे में कैसे बात कर सकते हैं?"इजरायल की तरफ से मिले इलाका छोड़ने के आदेशों ने अवद को विस्थापित कर दिया है और अब वो गाजा के दक्षिणी शहर खान यूनिस में एक तंबू में रहते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी स्थिति पहले से ही "विनाशकारी और दुखद" है. "मैं दुनिया से उस अकाल को देखने को कहता हूं जो हर दिन बढ़ता और फैलता है."
संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने अप्रैल के अंत में कहा था कि 2 मार्च से इजरायल द्वारा सभी सप्लाई पर रोक लगाने के कारण गाजा में उसके सभी खाद्य भंडार समाप्त हो गए हैं.
गाजा सिटी में रहने वाली अया अल-स्काफी ने एएफपी को बताया कि पिछले हफ्ते कुपोषण और दवा की कमी के कारण उनके बच्चे की मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा,"वह चार महीने की थी और उसका वजन 2.8 किलोग्राम (6.2 पाउंड) था,जो बहुत कम है. दवा उपलब्ध नहीं थी.”
गाजा शहर की एक अन्य निवासी उम्म हाशेम अल-सक्का को डर है कि उसके पांच साल के बेटे को भी इसी तरह के मौत का सामना करना पड़ सकता है,लेकिन वह इसके बारे में कुछ भी करने में असमर्थ है. उन्होंने एएफपी को बताया,"हैशेम आयरन की कमी वाले एनीमिया से पीड़ित है. वह लगातार पीला रहता है और संतुलन की कमी है,और कुपोषण के कारण चलने में असमर्थ है."
इनपुट- आईएएनएस,एएफपी
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