सुडान में पिछले 2 सालों से गृहयुद्ध जारी
क्या किसी देश की फोर्स अपने ही लोगों को गोलियों से भून सकती है? वैसे तो 21वीं सदी में इस सवाल का जवाब तो हर बार ना होना चाहिए,लेकिन हकीकत ऐसा नहीं है. सूडान में अर्धसैनिक बलों ने विस्थापित हुए लोगों के शिविरों और एल फशर शहर के आसपास एक के बाद एक हमला करके 200 से अधिक नागरिकों की हत्या कर दी है. यह शहर दारफुर क्षेत्र में सूडानी सेना के कब्जे वाला आखिरी बड़ा शहर है.
सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आमने सामने हैं और दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. लगभग दो साल पहले सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच गृह युद्ध शुरू होने के बाद से दारफुर क्षेत्र में हिंसा का सबसे खराब दौर चल रहा है. सवाल है कि ऐसा क्यों हो रहा है,यह गृह युद्ध शुरू ही क्यों हुआ?
यह सब समझने के लिए आपको अतीत में ले जाना होगा.
यह देश उत्तर-पूर्वी अफ्रीका में है. यह विशाल क्षेत्र औपचारिक रूप से उस समय बंट गया जब यहां की केंद्र सरकार के खिलाफ सालों के संघर्ष के बाद,2011 में इससे अलग होकर साउथ सूडान एक स्वतंत्र देश बन गया. अब ऐसा लगता है कि उत्तर में भी देश को दो फाड़ किया जाएगा. यहां सेना और अर्धसैनिक बल ही एक-दूसरे के सामने हैं.
लेकिन फिर भी सेना ने सूडान पर शासन करने के लिए संघर्ष किया. सेना के अधिकारियों के भीतर ही इस बात को लेकर लड़ाई हो गई कि शासन चलाएगा कौन. द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट के अनुसार जाफर निमेरी के लंबे शासन को बार-बार तख्तापलट के प्रयासों से रोका गया था. इसके बाद उमर अल-बशीर ने अतिरिक्त सुरक्षा बल बनाकर और सैनिकों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करके सेना में अपने प्रतिद्वंद्वियों को नियंत्रित करने की कोशिश की.
याद रहे कि SAF और RSF ने पहले 2019 में लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे उमर अल-बशीर को सत्ता से जबरन हटाने के लिए एक साथ काम किया था. लेकिन बाद में सत्ता संघर्ष के बीच वे अलग हो गए जो घातक हो गया.अप्रैल 2023 की शुरुआत में सेना के नेतृत्व वाली सरकार ने राजधानी खार्तूम की सड़कों पर SAF सैनिकों को तैनात कर दिया,जबकि RSF बलों ने पूरे देश में स्थानों पर कब्जा कर लिया. मामला तब तूल पकड़ गया जब उसी साल 15 अप्रैल को खार्तूम में विस्फोट और गोलीबारी हुई. तब से दोनों सेनाएं आपस में लड़ रही हैं.
उत्तर और पूर्व में सेना का दबदबा है,जबकि RSF दारफुर के अधिकांश और दक्षिण के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण रखता है. युद्ध ने हजारों लोगों की जान ले ली,12 लाख से अधिक लोगों को उखाड़ फेंका और संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट बताया है.
गृहयुद्ध में मानवीय क्षति खतरनाक रही है. फरवरी 2025 तक ही पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की कमी,भूख,युद्ध और इसके संबंधित कारणों से मारे गए लोगों का अनुमान 20,000 से 150,000 तक है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जमजम 5 लाख से अधिक शरणार्थियों का घर है. सेना और RSF के बीच दो वर्षों के युद्ध के दौरान आसपास के शरणार्थी शिविरों को भारी नुकसान हुआ है. शुक्रवार से,RSF ने उत्तरी दारफुर की घिरी हुई राजधानी अल-फशर और पास के जमजम और अबू शौक विस्थापन शिविरों पर जमीनी और हवाई हमले शुरू कर दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को कहा कि RSF के इस ताजा हमलों में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है.
अमेरिका ने युद्ध में दोनों पक्षों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. अमेरिका के अनुसार RSF ने दारफुर में "नरसंहार किया है" और सेना ने नागरिकों पर हमला किया है. एक बात तो साफ है कि इस संघर्ष ने सूडान को अनिवार्य रूप से दो भागों में विभाजित कर दिया है.