डॉ मणिकर्णिका दत्ता अब यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन में इतिहास के स्कूल में असिसटेंट प्रोफेसर हैं.
भारतीय इतिहासकार डॉ. मणिकर्णिका दत्ता को ब्रिटेन ने वापस भारत निर्वासित करने की धमकी दी है. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने फैसला सुनाया है कि डॉ. मणिकर्णिका ने भारत में आकर रिसर्च करते समय विदेश में दिनों की स्वीकृत संख्या को पार कर लिया था. 12 सालों तक ब्रिटेन में रहने और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बावजूद,डॉ. मणिकर्णिका के अनिश्चितकालीन अवकाश (ILR) के आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया है.
अब ब्रिटेन ने न केवल विदेश में दिनों की संख्या के आधार पर उनके यूके में रहने के अधिकार को अस्वीकार कर दिया है,बल्कि उन्हें देश से निकलने को भी कह दिया है. तर्क दिया है कि उनका ब्रिटेन में पारिवारिक जीवन नहीं है. द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा तब किया जा रहा है जब उनकी और उनके पति की शादी को 10 साल से अधिक हो गए हैं,और वे साउथ लंदन में एक साथ रहते हैं.
डॉ. मणिकर्णिका दत्ता ने ऑब्जर्वर को बताया,"जब मुझे एक ईमेल मिला कि मुझे यूके छोड़ना होगा तो मैं चौंक गया… मैं ब्रिटेन के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में काम रही हूं और मैं यहां (यूके में) 12 सालों से रह रही हूं. जब से मैं मास्टर डिग्री करने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी आई,तब से मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा यूके में बीता है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा कुछ होगा.”डॉ दत्ता पहली बार सितंबर 2012 में स्टूडेंट वीजा पर यूके आईं और बाद में अपने पति के डिपेंडेंट के रूप में स्पाउज वीजा मिला. उनके पति को "ग्लोबल टैलेंट" रूट के जरिए वीजा मिला है.
पिछले साल अक्टूबर में उसने लंबे निवास(लंबे समय तक रहन के आधार पर) के आधार पर ब्रिटेन में रहने के लिए अनिश्चितकालीन छुट्टी के लिए आवेदन किया था. उनके पति ने भी आवेदन किया था. उनके पति का तो आवेदन स्वीकार कर लिया गया,जबकि उनका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया.
(इनपुट- द गार्डियन)