यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
गेंद अचानक से रूस के पाले में है. रूस यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने और शांति बहाल करने के लिए कितना संजीदा है,इसको परखने का वक्त आ गया है. सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुई वार्ता ने रूस पर दबाव बढ़ा दिया है. वार्ता के एक दिन बाद यूक्रेन ने कहा है कि वह अमेरिका द्वारा प्रस्तावित रूस के साथ 30-दिवसीय युद्धविराम को स्वीकार करने के लिए तैयार है. अब अमेरिका ने यूक्रेन को वापस से सैन्य सहायता भेजने और इंटेलिजेंस इनपुट शेयर करने को हामी भर दी है.
एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में,अमेरिका ने यह भी कहा कि वह यूक्रेन को खुफिया जानकारी यानी इंटेलिजेंस इनपुट शेयर करना और सुरक्षा सहायता तुरंत फिर से शुरू करेगा. इन दोनों पर ही वाशिंगटन ने ओवल ऑफिस की बहस के बाद रोक लगा दी थी.राष्ट्रपति ट्रंप ने वार्ता के बाद व्हाइट हाउस के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा,"यह पूर्ण युद्धविराम (टोटल सीजफायर) है. यूक्रेन इस पर सहमत हो गया है और उम्मीद है कि रूस इस पर सहमत होगा.”
"हम आज और कल बाद में उनसे (रूसी प्रतिनिधि) से मिलने जा रहे हैं. उम्मीद है कि हम एक समझौता करने में सक्षम होंगे. मुझे लगता है कि युद्धविराम बहुत महत्वपूर्ण है. यदि हम रूस से ऐसा करवा सकें तो यह बहुत अच्छा होगा. यदि हम ऐसा नहीं कर सकते तो युद्ध चलता रहेगा और लोग मारे जायेंगे,बहुत सारे लोग.”- डोनाल्ड ट्रंप
जेलेंस्की और पुतिन दोनों प्रेशर गेम में माहिर हैं. अमेरिका के साथ वार्ता से ठीक पहले सोमवार रात को यूक्रेन ने रूस में ड्रोन हमला शुरू कर दिया. यह फैसला एक स्पष्ट प्रदर्शन था कि अमेरिकी ने भले अपने सैन्य सहायता और इंटेलिजेंस इनपुट को रोका हो,लेकिन इससे यूक्रेन की सैन्य क्षमता में अभी तक कोई खास कमी नहीं आई है. यह मास्को पर शांति समझौते के लिए दबाव डालने का एक आक्रामक प्रयास भी था. वहीं दूसरी ओर यूक्रेन ने अमेरिका के प्रस्ताव पर सहमति की घोषणा की और इसके कुछ घंटों बाद,रूस ने कीव पर हवाई हमला किया.अभी के लिए डिप्लोमेटिक माइलेज यूक्रेन के पास दिख रहा है. हालांकि जब तक डोनाल्ड ट्रंप जैसा उग्र प्लेयर समीकरण में है,नहीं पता कि ऊंट किस करवट बैठेगा. नजर अभी रूस पर होगी कि वो शांति के लिए बातचीत की कुर्सी पर किस हद तक गंभीरता दिखाता है. वहीं अमेरिका के लिए प्रेशर इस बात का होगा कि पुतिन-पुतिन का नाम जपते दिख रहे ट्रंप रूस को सीजफायर के लिए राजी कर लें.
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