चैतन्य बघेल परिवार की सब्जी की खेती का काम देखते हैं.
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनके (पूर्व मुख्यमंत्री के) परिसरों पर सोमवार को छापे मारे तथा कुछ दस्तावेजों के अलावा 33 लाख रुपये नकदी जब्त की. दुर्ग जिले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई परिसर,चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों समेत 14 ठिकानों की धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली गई.सूत्रों के अनुसार चैतन्य बघेल 15 मार्च को बयान दर्ज करवाने वाले हैं.
सोमवार को छापेमारी सुबह करीब सात बजे शुरू हुई थी.ईडी के तलाशी दल के साथ सीआरपीएफ का सुरक्षा दल भी था.चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं,इसलिए उस परिसर पर भी छापेमारी की गई थी.आठ घंटे तक चली तलाशी के शाम में समाप्त हुई.ईडी पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर नकदी गिनने की मशीन भी लेकर आई थी.
ईओडब्ल्यू/एसीबी ने पिछले साल 17 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी तथा लखमा और पूर्व सचिव विवेक धंड समेत 70 व्यक्तियों एवं कंपनियों को नामजद किया था. उससे करीब एक माह पहले भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को हराया था.
ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले' के कारण राज्य के राजस्व को ‘‘भारी नुकसान'' हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई. इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर,पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा,भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था.
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