पीएम मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद: लाभार्थी
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में चलाई जा रही 'उम्मीद' योजना ने महिलाओं के सपनों को नई उड़ान दी है. इस योजना ने सिर्फ महिलाओं को रोजगार ही नहीं दिया है बल्कि उन्हें वह हौसला और आत्मविश्वास भी दिया है,जिसके दम पर वे आत्मनिर्भर बन सकती हैं. शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगारी का दंश झेल रही महिलाएं इस योजना की मदद से घर की बेड़ियों को तोड़कर बाहर आई हैं.
जम्मू-कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (जेकेआरएलएम) की 'उम्मीद' योजना के तहत राजौरी के सीमावर्ती जिले में महिलाओं ने मसाले और मसाला उत्पाद बनाने के लिए एक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) बनाया है. इससे उन्हें रोजगार मिला है और प्रतिमाह हजारों रुपये की आमदनी भी हो रही है. यहां काम करने वाली महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है.
एक अन्य लाभार्थी ने कहा कि शिक्षित होने के बावजूद उनके पास रोजगार नहीं था. लेकिन,'उम्मीद' योजना ने उन्हें रोजगार दिया है और महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. महिलाओं ने अन्य लोगों,विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं से इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि यह योजना वित्तीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रदान करती है,जिससे हर महीने हजारों रुपये और सालाना लाखों रुपये कमाने की संभावना है. यह पहल ग्रामीण महिलाओं के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सरकारी योजनाओं के परिवर्तनकारी प्रभाव का प्रमाण है.
उल्लेखनीय है कि 'उम्मीद' योजना केंद्र सरकार के स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन द्वारा शुरू की गई है. इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना की मदद से महिलाओं के परिवारों की आय बढ़ रही है,उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.
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