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Exclusive : 'विकसित भारत' बनने के लिए 10 साल में कौन से 10 काम करने होंगे? वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविन्द पानगड़िया ने बताया

2025-01-20     IDOPRESS

16वें वित्त आयोग के चेयरमैन के तौर पर डॉक्टर अरविंद पानगढ़िया का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2025 तक है.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 अगस्त 2022 को आजादी की 77वीं सालगिरह पर लाल किले से संबोधित करते हुए देश के लिए एक बड़े सपने का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था- "मेरा सपना है कि जब हम आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे,तो भारत एक विकसित (Viksit Bharat) देश होगा." 2047 में भारत की आजादी को 100 साल हो जाएंगे. इसलिए मोदी सरकार (Modi Government) ने 2047 तक विकसित भारत का टारगेट रखा है. जबकि भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) को 2030-31 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य है. इन दोनों सपने को हासिल करने के लिए हिन्दुस्तान को एक लंबा सफर तय करना है.

'विजन 2047' को हासिल करने के लिए क्या खाका होना चाहिए? कौन सी बातों पर फोकस करना चाहिए? किन क्षेत्रों में किस तरह के रिफॉर्म की जरूरत है? इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने 16वें वित्त आयोग के मौजूदा चेयरमैन डॉ. अरविन्द पानगड़िया और पूर्व चेयरमैन एनके सिंह से एक्सक्लूसिव बातचीत की है.

16वें वित्त आयोग के चेयरमैन के तौर पर डॉक्टर अरविंद पानगढ़िया का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2025 तक है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर लिखी उनकी किताब ' द नेहरू डेवलपमेंट मॉडल' हाल ही में रिलीज हुई है. NDTV के साथ इंटरव्यू में पानगड़िया ने समझाया कि 'विकसित भारत' बनने का पैमाना क्या होना चाहिए. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार को अगले 10 साल में कौन-कौन से 10 रिफॉर्म करने की जरूरत है.

1. श्रम कानून पास हुए,अब लागू करें


अरविन्द पानगड़िया ने कहा," सबसे पहला रिफॉर्म लेबर लॉ में करने की जरूरत है. इस लॉ को 2019-2020 में पास किया गया था. इसे लागू करना बड़ा रिफॉर्म होगा. इसका मुश्किल काम पूरा हो चुका है. ये बिल पार्लियामेंट से पास हो चुका है. इसलिए इसे लागू करने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए."

2.GST को अब और सरल करना जरूरी


पानगड़िया ने कहा,"सरकार को GST को आसान करने की जरूरत है. पर्सनल इनकम टैक्स में भी सुधार की जरूरत है." बता दें कि सरकार पुराने इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम वैल्यू एडेड टैक्स (VAT)की जगह गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लेकर आई थी. 1 जुलाई 2017 को इसे लागू किया गया था.

3. बढ़ेगा निर्यात,विकसित होगा भारत


पानगड़िया के मुताबिक निर्यात बढ़ाना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि अभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 32 ट्रिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट मार्केट है. इसमें भारत की हिस्सेदारी Merchandise Export में करीब 2% है. इसे 4% किया जा सकता है. जबकि Service Export में हमारा शेयर 4% है. भारत का इसमें मोमेंटम अच्छा है. इसलिए इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई जा सकती है.

4. निजीकरण का एजेंडा अपनाना होगा


16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के मुताबिक,सरकार को 'विकसित भारत' के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ने के प्राइवेटाइजेशन को गति देनी होगी. मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में एअर इंडिया,नीलांचल स्टील जैसी कंपनियों का निजीकरण किया गया था. प्राइवेटाजेशन की रफ्तार को तेज करने की जरूरत है.

5. पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी को बूस्ट करना


पानगड़िया कहते हैं,"विकसित भारत के टारगेट को हासिल करने के लिए पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी को बूस्ट करना होगा. दूसरे टर्म में मोदी सरकार ने पब्लिक एंटरप्राइज पॉलिसी जारी की थी. इसे तीसरे टर्म में आगे बढ़ाना है."

6. हायर एजुकेशन में रिफॉर्म


उन्होंने कहा,"मौजूदा हायर एजुकेशन के स्ट्रक्चर में रिफॉर्म की बहुत जरूरत है. अभी तक हायर एजुकेशन का मैकानिज्म यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के 1956 के एक्ट से चल रहा है. हालांकि,सरकार ने मेडिकल एजुकेशन के 1956 के लॉ को नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट के जरिए रिफॉर्म कर दिया था. यही रिफॉर्म अब हायर एजुकेशन के दूसरे सेक्शन में भी लाना है."

7. भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार की जरूरत


अरविन्द पानगड़िया के मुताबिक,लैंड एरिया को लेकर बड़े रिफॉर्म करने होंगे. हमने जो भूमि अधिग्रहण कानून (Land Acquisition Act) पास किया था,उसकी वजह से जमीन की कीमत काफी ज्यादा हो गई हैं. उससे पब्लिक प्रोजेक्ट में दिक्कत आती है. इंडस्ट्रियलाइजेशन के लिए प्राइवेट एंटरप्राइजेज को परेशानी आती है. क्योंकि उन्हें बड़े पैमाने पर जमीन नहीं मिलती. इसलिए लैंड एरिया में भी रिफॉर्म की जरूरत है."

8. प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना होगा


उन्होंने कहा,"विकसित भारत बनने के लिए हमारी प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) करीब 12 हजार 800 या 12 हजार 900 अमेरिकी डॉलर के आसपास होनी चाहिए. अगर हम 2022-2023 की प्रति व्यक्ति आय का आंकड़ा लेकर चलते हैं,तो ये 2500 डॉलर था. इसे करीब 13 हजार और उससे ज्यादा तक पहुंचाने के लिए हमें करीब 8.2% GDP ग्रोथ रेट की जरूरत है. 7.9% का GDP ग्रोथ तो हमने पिछले 20 साल में हासिल किया है. इसलिए इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है."

9. बदलो फसल,बढ़ेगी किसानों की आय


वहीं,15वें वित्त आयोग के चेयरमैन रहे एनके सिंह ने कहा कि क्रापिंग पैटर्न को बदलने की जरूरत है. पीएम मोदी ने मिलेट्स यानी 'श्रीअन्न' को लेकर पहल की थी. कृषि क्षेत्र में वैसे बाकी फसलों को लेकर भी सुधार की बहुत जरूरत है. इस क्षेत्र में अब तक बहुत सीमित बदलाव हुआ है.हमें ऐसे पैटर्न की जरूरत है,जिससे किसानों की इनकम में इजाफा हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसानों की आय बढ़ाने की बात करते हैं.

10. एकसाथ सभी चुनाव कराने से सुधरेगा सरकारी ढांचा


पानगड़िया कहते हैं,"वन नेशन वन इलेक्शन बहुत अहम है. इसके फायदे लॉन्ग टर्म में हैं. इकोनॉमिक रिफॉर्म्स के नजरिए से देखें,तो जब इलेक्शन 5 साल में एक बार होने लगेंगे; तो सरकारों को रिफॉर्म करने के लिए बड़ा विंडो और ज्यादा वक्त मिलेगा. अभी ऐसा रिफॉर्म करना सरकार के लिए बहुत मुश्किल है."

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