नेट एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा की है (फाइल फोटो).
टोरंटो:
लगभग आठ साल पुरानी अपनी शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा करने वाले नेट एंडरसन कंपनियों को लक्षित करके रिपोर्ट तैयार करने में ‘हेज फंड्स' के साथ कथित संबंधों के लिए सवालों के घेरे में हैं. कनाडा के एक पोर्टल ने ओन्टारियो की एक अदालत में दायर दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. हेज फंड ऐसी इकाई है,जो बड़े निवेशकों से राशि प्राप्त कर लाभ कमाने के लिए प्रतिभूतियों समेत विभिन्न मदों में निवेश करती है.
एक जटिल मानहानि मुकदमे में ओन्टारियो सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस में दायर दस्तावेजों के एक संग्रह में कनाडा के एन्सन ‘हेज फंड' के प्रमुख मोएज कासम ने कहा कि उनकी कंपनी ने हिंडनबर्ग के नैट एंडरसन सहित ‘विभिन्न स्रोतों के साथ' शोध साझा किया है.
पोर्टल ‘मार्केट फ्रॉड' ने कहा कि अदालती दस्तावेजों से कथित तौर पर पता चला है कि हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट तैयार करते समय एन्सन के साथ मिलीभगत की थी. भागीदारी के खुलासे के बिना मंदी की रिपोर्ट तैयार करने पर अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया जा सकता है.
हालांकि,एन्सन और कासम से तत्काल संपर्क नहीं हो सका,तथा एंडरसन को भेजी गई ईमेल का भी कोई उत्तर नहीं मिला.
वेबसाइट ने दावा किया,“एंडरसन और एन्सन फंड्स के बीच ईमेल वार्तालापों से हम इस तथ्य को जानते हैं कि वह वास्तव में एन्सन के लिए काम कर रहा था और उन्होंने जो कुछ भी उससे कहा,उसे प्रकाशित कर दिया,लक्ष्य मूल्य से लेकर रिपोर्ट में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए तक. उसने उनसे कई बार पूछा कि क्या उन्हें ‘और' चाहिए. दर्जनों शेयर बाजारों में हम जो देख सकते हैं,उससे पता चलता है कि कभी भी उसके पास संपादकीय नियंत्रण नहीं था. उसे बताया जा रहा था कि क्या प्रकाशित करना है.”
इसमें कहा गया है,“एन्सन फंड्स और नैट एंडरसन दोनों के खिलाफ प्रतिभूति धोखाधड़ी के कई मामले हैं,तथा खबर लिखने के समय तक हमने केवल पांच प्रतिशत मामले की ही जांच की है. अब तक हमने जो पढ़ा है,उसके अनुसार यह लगभग निश्चित है कि जब हिंडनबर्ग और एन्सन के बीच का पूरा लेन-देन एसईसी तक पहुंचेगा,तो 2025 में नेट एंडरसन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया जाएगा.”
पिछले हफ्ते,एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा की,जिसने जनवरी,2023 में अरबपति गौतम अदाणी के समूह के बारे में विस्फोटक रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरीं. इससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गए और कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)