Nominal GDP: नोमिनल जीडीपी वृद्धि स्थिर रहने का अनुमान है,जो वित्त वर्ष 2025 में 9.7 प्रतिशत बढ़ेगी.
नई दिल्ली:
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रियल जीडीपी वृद्धि में मंदी के बावजूद,भारत में प्रति व्यक्ति नोमिनल जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है,जो वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम से कम 35,000 रुपये अधिक होगी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी का पहला एडवांस एस्टिमेट (एई) 6.4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर्शाता है.
सकल मूल्य वर्धित (GVA) वृद्धि भी 6.4 प्रतिशत अनुमानित है. नोमिनल जीडीपी वृद्धि स्थिर रहने का अनुमान है,जो वित्त वर्ष 2025 में 9.7 प्रतिशत बढ़ेगी. जो कि वित्त वर्ष 2024 में 9.6 प्रतिशत थी.
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने कहा,"ऐतिहासिक रूप से,आरबीआई के अनुमान और एनएसओ के अनुमान के बीच का अंतर हमेशा 20-30 बीपीएस की रेंज में होता है और इसलिए वित्त वर्ष 2025 का 6.4 प्रतिशत अनुमान अपेक्षित और उचित है. हालांकि,हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत के आसपास रह सकती है,जिसमें गिरावट का रुझान भी हो सकता है."डॉ. घोष ने कहा,“मजबूत नीतिगत उपायों और वित्तीय औपचारिकता के साथ-साथ फिजिकल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की वजह से कृषि और इससे जुड़ी एक्टिविटी में पिछले वर्ष की 1.4 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है."
गुप्ता ने कहा,"वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में निजी खपत में सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है और दूसरी छमाही में सरकारी खपत में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है और कुल निवेश में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है."केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में खपत में वृद्धि का अनुमान है.उन्होंने आगे कहा,"अच्छी कृषि वृद्धि और खाद्य मुद्रास्फीति में संभावित नरमी से आने वाले महीनों में खपत को बढ़ावा मिलेगा. निरंतर खपत वृद्धि से निजी निवेश को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी."