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इस बार शनिवार को पेश होगा आम बजट, 1 फरवरी को खुले रहेंगे शेयर मार्केट

2024-12-25     IDOPRESS

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी,2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी. 1 फरवरी को शनिवार होने के बावजूद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) खुले रहेंगे. शेयर बाजार शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं. लेकिन विशेष परिस्थितियों में इन्हें खोला जाता है.

शेयर बाजार 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश होने की वजह से 1 फरवरी 2025 (शनिवार) को कारोबार के लिए खुले रहेंगे. दोनों शेयर बाजारों में सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक सामान्य कामकाजी दिनों की तरह कारोबार होगा.

इसके पहले 1 फरवरी 2020 और 28 फरवरी 2015 को भी शेयर बाजार शनिवार होने के बावजूद बजट के दिन कारोबार के लिए खुले हुए थे. वर्ष 2001 में बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिए जाने के बाद से ही शेयर बाजार हमेशा सामान्य समय के दौरान खुले रहे हैं.

पहले शाम 5 बजे पेश होता था बजट


वर्ष 1999 तक बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. यह परंपरा ब्रिटिश सरकार के समय से चली आ रही थी,क्योंकि इससे लंदन और भारत में एक साथ घोषणाएं की जा सकती थीं. भारत ब्रिटेन से 5 घंटे 30 मिनट आगे है,इसलिए भारत में शाम 5 बजे का समय सुबह के 11 बजकर 30 मिनट के बराबर था.

यशवंत सिन्हा ने बदला समय


अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय बदल दिया. उन्होंने 1999 को 27 फरवरी को शाम के बजाय सुबह 11 बजे बजट पेश किया. ऐसा 2 कारणों से किया गया. पहला- भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश नहीं था. इसलिए पुराने समय का पालन करने का कोई कारण नहीं था. दूसरा- सांसदों और अधिकारियों को बजट का अध्ययन करने और चर्चा करने के लिए अधिक समय मिले,इसलिए समय बदला गया.

जेटली ने बदली थी बजट पेश करने की तारीख


पहल केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता था,लेकिन पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए 1 फरवरी को बजट पेश करना शुरू किया था. यह बदलाव 1 अप्रैल को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से नई बजटीय नीतियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए किया गया था.

रेल बजट को लेकर टूटी थी 92 साल की परंपरा


पहले आम बजट के बाद रेल बजट अलग से पेश होता था,लेकिन 2016 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया गया,जिससे 92 वर्ष पुरानी परंपरा समाप्त हो गई.

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