छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में IED ब्लास्ट की चपेट में आने से 2 जवान घायल हो गए.घायलों जवानों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. फिलहाल जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ये जवानसड़क निर्माण कार्य के सुरक्षा में तैनात थे. यह घटनाकोहकमेटा थाना के तोके गांव की है. जहां IEDनक्सलियों द्वारा प्लांट किया गया था. इसीIED ब्लास्ट की चपेट में आने से दोनों जवाल घायल हो गए.
अबूझमाड़ मुठभेड़ पर सवाल
पिछले सप्ताह नारायणपुर जिले में हुई मुठभेड़ पर एक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं. उनका दावा है कि मुठभेड फर्जी थी,जिसमें पुलिस ने सात नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था. उन्होंने दावा किया कि मारे गए लोगों में से पांच स्थानीय लोग थे जो खेतों में काम कर रहे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान एक लड़की समेत चार नाबालिग पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए.
पुलिस ने बताया कि मारे गए माओवादियों में ओडिशा राज्य माओवादी समिति का सदस्य रामचंद्र उर्फ कार्तिक उर्फ दसरू शामिल था जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था और क्षेत्रीय समिति का सदस्य रमीला मदकम उर्फ कोसी शामिल था,जिस पर पांच लाख रुपये का इनाम था. आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा,‘‘13 दिसंबर की रात को मुझे पता चला कि पुलिस की गोलीबारी में कुछ बच्चे घायल हो गए हैं,जिसके बाद मैंने 14 दिसंबर को इलाके का दौरा किया और घायल बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया.''
सोरी ने पुलिस पर नक्सलवाद को खत्म करने के नाम पर बच्चों सहित निर्दोष आदिवासियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया. रामली के पिता ने रायपुर में ‘पीटीआई-भाषा' को बताया,'पुलिस ने अंधाधुंध गोलीबारी की. मेरी बेटी खेल रही थी,तभी पुलिस की गोलीबारी में वह घायल हो गई,वहां कोई नक्सली मौजूद नहीं था.' वहीं,नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने कहा कि नक्सलियों ने अपने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की जान बचाने के लिए नाबालिगों सहित कुछ ग्रामीणों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया,जिसके कारण बच्चे घायल हो गए.
(भाषा इनपुट्स के साथ)