प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों,विधायकों के आवासों को निशाना बनाया
इंफाल:
मणिपुर में लापता हुए छह लोगों के शव नदी के पास बरामद होने के बाद प्रदर्शनकारियों में खासा गुस्सा देखने को मिला. प्रदर्शनकारियों ने देर रात राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निजी आवास में घुसने की कोशिश की,जिससे हिंसा प्रभावित राज्य में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक और बड़ी झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत कुछ विधायकों के घरों में तोड़फोड़ भी की और उनकी संपत्तियों को आग लगा दी. जबकि सुरक्षा बलों ने इंफाल के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
मैतेई समुदाय के 6 लोग सोमवार को एक शरणार्थी शिविर से लापता हुए थे.कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम के बोकोबेरा से कथित रूप से अगवा किया था.मणिपुर के जिरीबाम जिले में तीन बच्चों समेत छह लोगों के शव मिले.दो महिलाओं और एक बच्चे का शव जिरीबाम में बराक नदी से मिले.मणिपुर-असम सीमा पर जिरि और बराक नदियों के संगम के करीब ये 3 शव मिले.महिला और दो बच्चों के ये शव उन छह में से थे,जो जिरिबाम से लापता हुए थे.जिरी नदी में मिले शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया.प्रदर्शनकारी ने लोगों की मौत के सिलसिले में न्याय की मांग करते हुए दो मंत्रियों तथा तीन विधायकों के आवास में घुस गए.मुख्यमंत्री आवास को निशाना बनाया गया; कई विधायकों के घरों और वाहनों पर भी हमला किया गया.
छह लोगों के शव मिलने के बाद शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों परप्रदर्शनकारियों ने हमला किया,जिसके बाद सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चित काल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी. साथ ही राज्य के7 जिलों मेंइंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दीं गई है. पूरी इंफाल घाटी में बढ़ते तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है.एकअधिकारी ने बताया कि राज्य प्रशासन ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों के आवासों में घुसे प्रदर्शनकारियों के मद्देनजर शनिवार शाम को सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं.
आंदोलनकारी ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार को 24 घंटे की समयसीमा दी है. सरकार से कहा कि सशस्त्र समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें या फिर जनता के गुस्से का सामना करें
मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह थानाक्षेत्रों में आने वाले इलाकों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफ्स्पा) की समीक्षा कर उसे हटाने का अनुरोध किया. केंद्र ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह थानाक्षेत्रों में अफ्स्पा फिर से लागू कर दिया है. अफस्पा को मनमाने ढंग से फिर से लागू करने पर प्रदर्शनकारियों ने नाराजगी जताई है.
मणिपुर में एक साल से अधिक समय से जारी जातीय संघर्ष से राज्य में तनाव का माहौल कम होने का नाम नहीं ले रहा है.पिछले वर्ष मई से मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं.इन हिंसाओं में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.मणिपुर के जिरीबाम जिले में पिछले सप्ताह 10 से अधिक लोग मारे गए थे.जिरीबाम जिला,मिजोरम के साथ सीमा साझा करता है.पड़ोसी राज्य में जो हो रहा है उसपर मिजोरम सरकार की भी नजर है.हाल की घटनाओं को लेकर मिजोरम सरकार ने लोगों से राज्य में सांप्रदायिक हिंसा से बचने के लिए ‘अत्यधिक सावधानी' बरतने का आग्रह किया.