मंगलवार सुबह बिटकॉयन 89599 अमेरिकी डॉलर के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया...
नई दिल्ली:
बिटकॉयन की रिकॉर्ड-तोड़ रैली ने डिजिटल एसेट को 89000 अमेरिकी डॉलर के पार पहुंचा दिया. इसी के साथ क्रिप्टो मार्केट की ओवरऑल वैल्यू महामारी-युग के शिखर से ऊपर पहुंच गई है. कारण कि ट्रेडर्स अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के साथ ही इस पर दांव लगा रहे हैं.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक,5 नवंबर को अमेरिकी चुनाव के बाद से बिटकॉयन करीब 32 फ़ीसदी उछल चुका है और मंगलवार सुबह यह 89599 अमेरिकी डॉलर के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया. सिंगापुर में सुबह 9:25 बजे तक यह क्रिप्टोकरेंसी 89,165 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई.
उनकी अन्य घोषणाओं में एक स्ट्रैटेजिक US बिटकॉयन स्टॉकपाइल स्थापित करना और इसके डोमेस्टिक माइनिंग को बढ़ावा देना शामिल है.
ट्रंप का रुख,जो बाइडेन प्रशासन के तहत सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन की ओर से इंडस्ट्री पर कार्रवाई के बाद एक बड़ा बदलाव है. कॉइनगेको डेटा (CoinGecko Data) से पता चलता है कि इस बदलाव ने बड़े और छोटे टोकन की सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया है,जिससे डिजिटल एसेट की वैल्यू करीब 3.1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गई है.
डेरीबिट एक्सचेंज के डेटा के अनुसार,ऑप्शंस मार्केट में निवेशक इस बात पर दांव लगा रहे हैं कि बिटकॉयन साल के अंत तक 100,000 डॉलर को पार कर जाएगा.
इस बीच,सॉफ्टवेयर फर्म माइक्रोस्ट्रेटजी ने 31 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच 27,200 बिटकॉयन करीब 2 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदे.
ट्रेडर्स अभी इस तरह के सवालों पर कम ध्यान दे रहे हैं कि ट्रंप अपने एजेंडे को कितनी जल्दी लागू करेंगे या रणनीतिक स्टॉकपाइल एक रियलिस्टिक कदम है भी या नहीं.
फेयरलीड स्ट्रैटेजीज की तकनीकी विश्लेषक कैटी स्टॉकटन ने अपने रिसर्च नोट में कहा है कि इस तरह की तेज उछाल के बाद डायजेशन पीरियड देखना स्वाभाविक होगा. उन्होंने ‘शॉर्ट टर्म न्यूट्रल बायस' की सिफारिश की.
बता दें कि डिजिटल-एसेट कंपनियों ने अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान अपने हितों के अनुकूल उम्मीदवारों को बढ़ावा देने के लिए भारी खर्च किया. वहीं उनके समर्थन ने बिटकॉयन को ट्रंप के तथाकथित ट्रेडों की एक सीरीज में बदल दिया.