पीएम मोदी ने पेरिस से लौटे खिलाड़ियों से की बात
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक से लौटे खिलाड़ियों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने सभी खिलाड़ियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था. इस मौके पर पीएम मोदी ने ओलंपिक में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के लिए उनकी सराहना की. पीएम मोदी ने इस दौरान मुस्कुराते हुए कहा कि पेरिस में जब आपके कमरों में AC नहीं चल रहा होगा तो आपने सोचा होगा कि मोदी बातें तो बड़ी करता है. मुझे इसकी जैसे ही सूचना मिली तो कुछ ही घंटों में AC का काम भी पूरा कर दिया था. आपके कमरे का एसी ठीक तो हो गया था? इस मौके पर पीएम मोदी ने खास तौर पर विनेश फोगाट का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि विनेश फोगाट ने कुश्ती के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है.
"मेरे निवास पर आपका स्वागत करने का मुझे अवसर मिलना इसे मैं अपना गौरव मानता हूं": ओलंपिक खिलाड़ियों से PM मोदी #PMModi pic.twitter.com/o155txlOz4
— NDTV India (@ndtvindia) August 16,2024
"मैंने जिस उमंग से आपको पेरिस के लिए विदाई दी थी,उतने ही उमंग से आपका स्वागत करता हूं: ओलंपिक खिलाड़ियों से बातचीत में PM मोदी #PMModi pic.twitter.com/dGwO5Y30Lb
— NDTV India (@ndtvindia) August 16,2024पीएम मोदी ने कहा कि मुझे गर्मी से हो रही पेरशानी और AC न होने की बात का पता चला तो उसके कुछ ही घंटों में AC का काम भी पूरा कर दिया था. पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से पूछा कि सबको AC तुरंत मिल गया था ना? पीएम मोदी ने कहा कि खिलाड़ियों का इसी तरह से ख्याल रखा जाता है. सब लोग तुरंत एड करते हैं.
इस दौरान लक्ष्य ने भी पीएम मोदी से बात की. लक्ष्य ने पीएम से कहा कि शुरुआत से ही मेरे मैच काफी लंबे रहे,लेकिन मेरा ज्यादातर फोकस बस अपने मैच पर ही था.जब भी हमें फ्री टाइम मिलता था तो सबके साथ डिनर करने जाते थे. इस दौरान वहां कई सारे एथलीट मिले,जिनको देख बहुत कुछ सीखा और उनके साथ एक डाइनिंग रूम शेयर किया. वो एक बड़ी बात थी. मेरा पहला ओलंपिक था और जो वहां का माहौल था,मेरा एक्सपीरियंस काफी अच्छा रहा. इतने बड़े स्टेडियम में खेलना,इतने क्राउड आपको देख रहा है. जिससे में थोड़ा नर्वस भी हो गया. लेकिन जैसे गेम आगे बढ़ा सब बेहतर होता गया.
श्रीजेश ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,''मुझे लग रहा था सर. मैं पहली बार साल 2002 में कैंप के साथ जुड़ा. 2004 में पहली बार इंटरनेशनल मुकाबला खेला. तब से मैं लगातार खेलते हुए ही आ रहा हूं. मैं पिछले 20 साल से देश के लिए खेल रहा हूं. यहां तक आने के बाद मैं एक अच्छे प्लेटफॉर्म से संन्यास लेने पर विचार कर रहा था. ओलंपिक एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है. जहां पूरी दुनिया अपना फेस्टिवल मनाता है. इसलिए मैंने सोचा इससे अच्छा मौका (संन्यास) मिलेगा नहीं. इसलिए मैंने डिसीजन लिया.''