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बांग्लादेश तनाव : मंदिर गए यूनुस, दिया शांति का पैगाम, क्या हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर लग जाएगी लगाम?

2024-08-14     ndtv.in HaiPress

मोहम्मद यूनुस ने मंदिरों पर हमलों पर जताई चिंता

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों को निशाने बनाने की घटनाएं लगातार जारी हैं. ये हमले देश में अंतरिम सरकार के बनने के बाद से और बढ़े ही हैं. हालांकि उम्मीद ये जताई जा रही थी कि जब मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में देश में नई अंतरिम सरकार बनेगी तो इस तरह के हमलों और अन्य प्रदर्शनों में कमी आएगी. लेकिन फिलहाल ऐसा होता कुछ दिख नहीं रहा है. मोहम्मद यूनुस के बतौर अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट कर उन्हें बधाई दी थी और साथ ही वहां मौजूद हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बात कही थी. पीएम मोदी की इस अपील को बांग्लादेश सरकार ने गंभीरता से लिया है. यही है कि बांग्लादेश सरकार के सर्वेसर्वा मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर ना सिर्फ चिंता व्यक्त की बल्कि मौजूदा सरकार उनके साथ है,इसे बताने के लिए मंदिर में जाकर कुछ हिंदुओं के साथ बैठकर कर उनसे उनका हाल भी जाना.

मोहम्मद यूनुस ने हिंदू मंदिर का दौरा करने के दौरान कहा कि बांग्लादेश में सभी के लिए अधिकार एक समान होने चाहिए भले ही वो शख्स किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो.बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के हवाले से कहा,"हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं में,हमें मुस्लिम,हिंदू या बौद्ध के रूप में नहीं,बल्कि इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए. हमारे अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. सभी समस्याओं की जड़ संस्थागत व्यवस्थाओं का पतन है. इसीलिए,ऐसे मुद्दे सामने आते हैं. संस्थागत व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है."


क्या भारत से रिश्ते और मजबूत करना चाहते हैं मोहम्मद यूनुस

मोहम्मद यूनुस का हिंदू मंदिर का दौरा करना और हिंदुओं को सुरक्षा भरोसा दिलाने को भारत से जोड़कर भी देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार भारत से रिश्ते को और मजबूत करने की कड़ी में ये सब कर रही है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने भी बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं पर होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई थी.

मोहम्मद यूनुस सरकार हिंदुओं को साथ लेने में जुटी

राजनीति के जानकार मानते हैं कि मोहम्मद यूनुस का मंदिरों का दौरा करना और हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यकों में सुरक्षा का भाव दिलाने की कोशिश करना उनकी एक बड़ी रणनीति का हिस्सा हो सकता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि मौजूदा स्थिति में बांग्लादेश की राजनीति और सत्ता में शेख हसीना की पहले की तरह ही वापसी फिलहाल तो मुश्किल ही नजर आ रही है. ऐसे में अगर देश के अंदर इसी तरह से हिंसा का दौर जारी रहा तो देश की सरकार को हालात को नियंत्रित करने और चीजों को पहले की तरह ही पटरी पर लौटाने में काफी दिक्कत होगी. और अगर ऐसा हुआ तो नई सरकार का ज्यादातर समय हालात को काबू करने और हिंसा को रोकने में ही जाएगा.ऐसे में नई सरकार और खास तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता और मौजूदा सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस जिस उद्देश्य के साथ सत्ता पर काबिज हुए हैं उसे पूरे करने में काफी लग सकता है.

मंदिरों पर हमलों की जानकारी के लिए बनाई गई हॉटलाइन

मोहम्मद यूनुस सरकार ने मंदिरों पर होने वाले हमलों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. साथ ही इस तरह हमलों के बारे में सरकार और प्रशासन को समय रहते पता चल सके,इसके लिए एक हॉटलाइन भी तैयार की गई है.दैनिक अखबार ‘प्रथम आलो' ने मंगलवार को बताया कि धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने उपासना स्थलों पर हमलों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना के हवाले से खबर में कहा गया कि यदि किसी मंदिर,गिरजाघर या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर उपद्रवियों द्वारा हमला किया जाता है,तो अनुरोध है कि इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दें.

मंदिरों का दौरा कोई दिखावा तो नहीं

मोहम्मद यूनुस ने मंदिर का दौर कर हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यकों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि सरकार उनके साथ है. और उनके अधिकारों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है. लेकिन अगर बीते दिनों बांग्लादेश की सरकार ने जो कुछ बड़े फैसले लिए उन्हें ध्यान से देखें तो ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार तुष्टिकरण का भी प्रयास करती दिख रही है. दरअसल,बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने कुछ दिन पहले ही ए एफ एम खालिद हुसैन को अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों की जिम्मेदारी सौंपी है. ये वही खालिद हुसैन है जिसका बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर अत्याचार करने पुराना इतिहास है. ऐसे में उसे धार्मिक मामलों की जिम्मेदारी देकर मोहम्मद यूनुस सरकार ने पहले ही अल्पसंख्यकों को लेकर अपनी नीति साफ कर दी थी. अब ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि मोहम्मद यूनुस सरकार अब जो कर रही है वो कहीं सिर्फ एक दिखावा तो नहीं है.


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